51+ New Aaj Ka Suvichar in Hindi | आज के सुविचार हिंदी में

Aaj ka Suvichar in Hindi को पढने से पहले आपको गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग, या गुड नाईट. ये आप पर निर्भर है कि आप यहाँ कब आये. ज़माना मॉडर्न है तो काम की न कोई सीमा है न ही समय. जब भी आप यहाँ आये उस हिसाब से आप मेरी ग्रीटिंग एक्सेप्ट कर लीजिये. ज्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत सुबह से करते हैं, कुछ लोग रात वाले भी होते हैं तो किसी को छोड़ नहीं सकते. #sabkasaathsabkavikash

लौटते हैं आज के विचारों की ओर. कहा जाता है कि जिसके विचार साफ़ होते हैं, उसका मन साफ़ होता है, जिसका मन साफ़ होता है, उसकी दृष्टि साफ़ होती है, और जिसकी दृष्टि साफ़ होती है उसके कर्म नेक होते हैं. यानी जो कार्य आप कर रहे हो या करने वाले हो उसकी मंशा क्या है ये इस बात पर निर्भर करती है कि उस कार्य के प्रति आपका विचार क्या है. यही कारण है कि बड़े-बड़े विद्वान एक ही राय देते हैं कि जिस काम में आपका मन नहीं, वो करना ही नहीं.

नोट – दृष्टि से यहाँ मेरा मतलब 6/6 से बिलकुल नहीं है. हालांकि ये भी सही है तो और अच्छी बात है.

तो अगर आपको दृष्टि, कर्म, मन वाली बात का कुछ सेंस समझ आया हो तो चलिए आज का सुविचार शुरू करते हैं.

Aaj ka Suvichar in Hindi (आज का सुविचार):

सुविचारों की शुरुआत, स्वामी विवेकानंद के एक प्रसिद्ध कथन से करेंगे –

उठो, जागो, और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति न हो जाए:

पर लोगों की समस्या ये है कि, उन्हें लक्ष्य का ही पता नहीं. तो फिर क्या ही प्राप्त करेंगे? हालांकि इसका हल काफी आसान है. हल ये है कि पहले प्रश्न बनाइये. जब सवाल होगा तभी जवाब मिलेगा. अर्थात् पहले ये तय कर लो कि करना क्या है? बहुत आसान है. सिर्फ सोचना ही तो है कि करना क्या है. सोच लो. है न आसान?

जब इतना सोच ही लोगे कि करना क्या है तो फिर उसके बाद कर्म ही तो करना है. और काम करने के लिए भी एक ट्रिक है. गीता का सार है कि–

कर्म करते जाओ, रिजल्ट का टेंशन छोड़ दो:

पहले आप एक गहरी सांस ले लो और फिर सोचो कि इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है कि जिसमें भगवान (आप अगर नास्तिक हैं तो सिर्फ विचार पर फोकस करें बाकी चीज़ें इग्नोर कर सकते हो) स्वयं कह रहे हैं, कि आप बस काम करते जाओ, और बस करते जाओ, और इस बात को दिमाग से बिलकुल बाहर रख दो कि इसका नतीजा क्या निकलेगा. जब आपने वो काम करना ही है तो उसमें इतना सोचना क्या है? और जब करना ही नहीं है तो फिर सोचना ही क्यों है?

ऊपर दिए हुए दो कथन जिसने अपने दैनिक जीवन में अप्लाई कर लिए. समझो उसकी नैया पार है. सोचो…फिर कर्म करो. कितना सरल है. अब समस्या है कर्म की. लोग एक दिन अचानक से अच्छे-अच्छे विचार पढ़ के खुद को मोटीवेट तो कर लेते हैं. उस दिन दिल/मन/तन सब लगाकर काम तो करते हैं पर फिर वही.

फिर, aaj ka suvichar पढ़ लिया, फिर मोटीवेट, और फिर अंत में वही पुराना हाल. मेरा मकसद आपको demotivate करना नहीं है, अगर ऐसा आपके साथ कुछ हो रहा है, तो आपको खुश होना चाहिए कि ये गलती पकड़ी गई. वरना भ्रम में जीना किसी भ्रम में जीने से कम नहीं होता.

कोई भी घटना आपके साथ तब तक घटती है जब तक आप उसमें कोई सुधार न कर लो:

आप एक दिन काम करते हो और फिर मन नहीं करता. ऐसा सिर्फ आपके साथ ही हो रहा है, ऐसा नहीं है. फर्क ये है कि आप उस चीज़ को बदलने की कोशिश ही नहीं कर रहे हो, इसलिए वो हालात आपके पास फिर लौट के आये है.

उदहारण से बताया जाए तो अगर आप एक स्टूडेंट हो और बिना कुछ पढ़े पहुँच गए एग्जाम हॉल. नकल भी न हो तो रिजल्ट हो गया खराब. अब अगर अगले साल भी ‘सेम तैयारी’ के साथ जाओगे तो फिर से वही रिजल्ट मिलेगा. आप फिर से उसी पड़ाव पे खुद को पाओगे कि इस बार रिजल्ट घर पर कैसे बताना है. fail होना बुरी बात नहीं है, पर कुछ न करके fail होना गुनाह है, पाप है.

कहने का सीधा सा अर्थ है कि वही स्तिथि फिर से आपके सामने खड़ी हो जायेगी. कोशिश करने वालों की हार नहीं होती, आपकी भी नहीं होगी.

जब जागो तब सवेरा:

ये मेरा खुद का all टाइम favorite हिंदी का suvichar है. आप भी अगर नीचे दी हुई लाइन से कुछ रिलेट कर पा रहे हो तो इस पर विचार जरूर कीजियेगा.

ये खबर पहुँच गयी शहर तक, कि सोता हूँ दो-पहर तक.

आप इसे मज़ाक समझोगे पर जब आप सुबह देर में उठ के ये सोचने लगते हो कि अब तो पूरा दिन ही खराब हो गया. तब यही quote आपकी चाय/कॉफ़ी का काम करता है. दिन के 12 बजे तो आपके बिस्तर पे कोई चाय तो देगा नहीं.

हालांकि, यहाँ ‘जागो’ से मतलब सो के जागने से नहीं है और न ही ‘सवेरा’ मतलब सुबह. बात का कुल मिलाके अर्थ ये है कि जब भी आपके ज्ञान-चक्षु खुल जाएँ वही सबसे बढिया टाइम है. खैर, जागने-सोने वाला उदहारण भी लिया जा सकता है, क्योंकि कुछ ‘मुर्गियों’ को ग़लतफहमी है कि ‘उल्लू’ किसी काम के नहीं होते. मतलब उल्लू ही हमेशा ‘bad light’ में क्यों रहता है मुझे समझ नहीं आता. आपको जब सही लगे तब अपना काम कीजिये. पर करिए जरूर.

लेट आए, लेटेस्ट आए:

पिछले वाले से मिलता जुलता भावार्थ है. अर्थात् देर आए, दुरुस्त आए. बस ‘आना’ चाहिए. वक़्त तो गुजरता ही रहेगा. इसे कौन रोक सकता है? न मैं, न आप, न आपकी खराब घड़ी. वो तो चलता रहेगा. पर आप अपने काम पे फोकस करें. आप को जो करना है वो जरूर कीजिये, चाहे देर से सही.

देर लगी आने में तुमको,

शुक्र है फिर भी आए तो.

दुनिया में अलग-अलग प्रकार के लोग हैं. एक व्यक्ति 25 की उम्र में कमाल कर देता है, तो दूसरा 52 में. पहला 24 में रुक जाता और दूसरा 51 में तो फिर कहाँ कुछ पॉसिबल हो पाता.

ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि उम्र ज्यादा हो जाने के बाद तुम वो नहीं कर सकते, जो करना चाहते हो. हालांकि कुछ काम समय रहते किये जाएं तो अच्छी बात है, जैसे – सरकारी नौकरी पाने के लिए कोशिस. ऐज लिमिट का सीन होता है. आपको पता होगा.

अब कुछ जनरल आज के सुविचार आपके साथ शेयर करते हैं. बातों में गहराई हो न हो, आप ढूँढने की कोशिश जरूर करना. मिल ही जायेगी.

बेस्ट Aaj Ka Suvichar in Hindi:


 

कोई भी काम ये सोच कर मत करो कि किसी और के लिए कर रहे हो,

यकीन मानिए काम ख़त्म करके जो फील आएगा, उसके लिए शब्द नहीं मिलेंगे.


लोगों से जितनी कम उम्मीदें रखोगे उतना कम दुःख पाओगे.

दूसरों से इर्ष्या करने वालों का कभी भला नहीं होता.

(proven by नॉन-जेलस पीपल)


मुश्किलें आती-जाती रहेगी,

आप तय करो जूझना कैसे है.


आपका कोई भी किया हुआ काम,

कभी भी व्यर्थ नहीं जाता,

कर्म अगर अच्छा होगा,

तो नतीजा अच्छा ही मिलेगा. (…एंड vice-versa)


परिस्तिथियाँ आपके अनुकूल नहीं चल रही?

समझ जाइए, परीक्षा वाले दिन चालु हैं,

अच्छे से निपटा लो, ‘‘फिर तो आनंद ही आनंद है’’.

(हालांकि साल में कितनी बार एग्जाम होते हैं, ये आपको भली-भाँती पता होगा.)


Shortcuts सिर्फ कंप्यूटर में अच्छे रिजल्ट देते हैं, जीवन में नहीं.

 

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अगर आपको दूसरों का कचरा अपने घर में रखने की आदत नहीं है,

तो फिर दूसरों की बुराइयों को क्यों अपने दिमाग में संभाले हुए हो?


Teleportation आम इंसान के बस की बात नहीं है,

मंजिल तक पहुंचना है तो सफ़र पर निकलना ही पड़ेगा.


पड़ोस वाला लड़का शर्मा जी का हो या वर्मा जी का,

आप अपनी तुलना सिर्फ खुद के पुराने version से कीजिये.


जीवन में किसी को आदर्श मानना है तो पानी को मानो,

रास्ता खोजने की कला जो इसमें है, वो किसी के पास नहीं.

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खराब किस्मत का रोना एक दिन बंद करना ही पड़ेगा,

तो क्यों न आज और इसी समय किया जाए.


मन में कुछ करने का विचार आया है

तो ‘रिक्स’ तो लेना पड़ेगा बाबु भैया.


दूसरों की मदद करके जो ‘आनंद’ मिलता है

वो इस संसार में और किसी चीज़ से नहीं मिल सकता.


समझदार लोग बहस में अपनी बात रखते हैं,

मूर्ख हर बहस में चिल्लम-चिल्ली करता है.


अगर खुश होने के लिए पैमाना देखोगे,

तो खुशियों के मौके भी कम मिलेंगे.


जब भाग्य साथ न दे तो आपको लड़ना होगा,

वरना एक पंच में ही नॉक-आउट कर दिये जाओगे.


हर दिन कुछ नया सीखने से आप

एक बेहतर इंसान बनने की तरफ बढ़ते हो.


जीवन में अवसर सबको ही कम मिलते हैं,

सफल होने के लिए आपको खुद बनाने होंगे.


कल क्या होगा, अगर यही सोचते रहोगे,

तो आज जो करना है वो फिर कल सोचोगे.


कुछ लोगों को भ्रम है कि जीवन ख़ुशी से जीने का अर्थ,

मेहनत न करना होता है.

 


सीढ़ी अगर बहुत लम्बी है तो घबराना नहीं है,

“वन स्टेप एट अ टाइम” करके मंजिल तक पहुंचा जा सकता है


इंसानों के पर नहीं निकलते,

उड़ना है तो विकल्प खोजना होगा.


गलती होना कोई बुरी बात नहीं है,

इसे बार-बार दोहराना गलती है.


Aaj Ka Suvichar in Hindi with Images:

 

“अगर तुम्हें किसी और जैसा ही बनना है,

तो तुम खुद के होने का मज़ाक बना रहे हो.”

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“बुरे विचारों का मन में आना बुरा नहीं होता,

वो वहीँ घर कर जाएँ तो समस्या उत्पन्न होती है.”

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“प्रयास न करने वाले को उतना ही मिलता है

जितना मेहनत करने वाला छोड़ देता है.”

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“लोगों के प्रति आपके शब्दों का चयन

आपके चरित्र का प्रमाण बताता है.”

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“ज्ञान और खुशियाँ जितना बांटोगे,

उतना ही अंत में वापस पाओगे.”

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“कोई भी कार्य तब तक सफल नहीं हो सकता,

जब तक आप उसे सफल नहीं करना चाहोगे.”

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“ज्ञान की कमी होना आपको अज्ञानी नहीं बनाता,

नए विचारों की कमी से आपका ज्ञान साबित होता है.”

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आप जो हो, वही रहो:

दूसरों को लिए खुद को बदलने की आवश्यकता नहीं है. खुद पर लगातार काम करना अच्छी बात है, पर अगर ये दूसरों को देखकर कर रहे हो तो ज़रूरी नहीं आप उसमें सफल हों. अगर एक घोडा किसी चिड़िया को दखकर ये सोचने लग जाए कि ‘कल मैं उड़ेगा’ तो ये फिर असंभव वाली बात हो जायेगी. बेहतर तो ये होगा कि आप अपनी खूबी (घोड़े के केस में दौड़ने की स्किल) पे काम करो, जो आपका फोर्टे हो.

लोगों का तो काम है आपको एक ‘टैग’ में बांधना. उन्हें जज करने की आदत है. इस बात की आप क्यों चिंता करते हो? जंगल का राजा शेर है, ये तय करने वाला कौन था? एक नॉन-वेजीटेरियन? उसे लगा होगा की जो सबका मांस खा जाए वही बॉस.

मुझसे पूछोगे तो मैं हिरन को राजा मानूंगा. क्यों नहीं? वो भी तो हर प्रकार की घास खाता है. Taste-Buds के बेसिस पे कैसे decide कर सकते हो? मेहनत की बात करें तो चींटियों को ‘राजा’ मानना चाहिए.

(‘सर्वाइवल ऑफ़ द फिटेस्ट’ वाल ज्ञान मुझे भी पता है, उस आधार पे मेरा वोट चीता को.)

कहने का मतलब ये है कि ये सब लोगों की ‘बातें’ है, अपना नजरिया है. इस बात से न शेर घास खाना शुरू कर देगा, न हिरन शिकार करना. और न ही ‘चींटियाँ’ झींगुर के माफिक आराम करना शुरू कर देंगी.

Aaj ka Suvichar का निष्कर्ष:

“मॉडर्न लाइफ requires मॉडर्न solution”

Aaj ka suvichar in hindi हो या कल का in अंग्रेजी, पर जब परिस्तिथियाँ ही आपके उलट हो तो कुछ एडजस्ट करना ही पड़ता है. आदर्श संसार जैसी कोई चीज़ नहीं है और कुछ चीज़ें इंसानों के बस में भी नहीं होती. इसे स्वीकार कर लीजियेगा तो भला हो जाएगा.

हालांकि, मेहनत आपके कंट्रोल में है. स्मार्ट वर्क आपकी कला है. इसका जितना प्रयोग करोगे उतना ही कम ‘एडजस्ट’ करना पड़ेगा.

अगर आप एक विद्यार्थी हो (वैसे हर कोई किसी न किसी का विद्यार्थी होता ही है) पर यहाँ लेजिट छात्र/छात्राओं की बात हो रही है. आप हो, तो इस सूत्र को जीवन में हमेशा याद रखना, ‘‘कृपा’’ बनी रहेगी.

स्मार्ट वर्क or मेहनत 1/एडजस्टमेंट इन लाइफ

अर्थात्, जितनी ज्यादा मेहनत या स्मार्ट वर्क, जीवन में उतना कम ‘सहना’ पड़ेगा. सहने की लिमिट ‘फ्लाइंग बीस्ट’ भैया बहुत बार बता चुके हैं. जिन्हें नहीं पता उनके लिए quote कर देते हैं – सह लेंगे “थोड़ा”.

अगर Aaj Ka Suvichar in Hindi आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरूर करें. और अगर कहीं पर भी ‘कहना क्या चाहते हो’ वाली फीलिंग आई हो तो दिल खोल कर कमेंट बॉक्स में मुझसे पूछ लें, विस्तारपूर्वक जवाब देने की पूरी कोशिश की जाएगी.

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