Dams ( बांध ) क्या होता है ? उपयोग, कार्य, वर्गीकरण इत्यादि

क्या आप स्टूडेंट हो? या चलो नहीं भी हो। खैर, पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती, ऐसा कहा जाता है। पढ़ाई तो इंसान के जीवन की बिजली है जो उसे हर चीज़ देखने में मदद करती है। पर बिजली आएगी कहां से? तो उत्तर है – डैम। क्या डैम!

जी बिल्कुल, ज्यादा एनलाइटमेंट वाले विचार ना लाएं, बात सिर्फ डैम की है। बिजली तो और कहीं से भी बन जाएगी पर डैम की बात इसलिए क्योंकि लोग अब भी इससे जुड़ी चीजों को समझ नहीं पाए या “इंटरेस्ट” नहीं है – ऐसा भी हो सकता है।

कुछ लोगों का मानना है कि इसका काम सिर्फ बिजली उत्पादन ही है, कुछ लोग सिर्फ “गेट” वालों को ही डैम कहते हैं। तो जल्दी आगे बढ़ते हैं और सबका भ्रम तोड़ते हैं।

(नोट:- बिजली, पढ़ाई, ज्ञान की बातें सिर्फ आपको उलझाने के लिए थी, इसे अन्यथा लें।)

What is Dam? (डैम क्या होता है?)

सबसे एक और भ्रम क्लियर कर देते हैं। आम लोगों से पूछिए कि डैम क्या है तो ज्यादातर लोग आपको पूरा नक्शा दिखवा देंगे कि ये लो भैया – डैम। उस पूरे इलाके को डैम नहीं कहते भाई।

नदी के एक छोर से दूसरे छोर तक जो स्ट्रक्चर यानी संरचना बनी होती है,  सिर्फ इसे ही डैम कहते हैं। अब वो किस चीज़ से बनी है, इसे पढ़ेंगे डैम के क्लासिफिकेशन में। लेकिन, एक उदाहरण से समझ लेते हैं कि अगर वो संरचना वैसी ही दीवार है जैसे आपके घर की है, तो उसे ही डैम कहेंगे। (इस उदाहरण से सिविल इंजीनियरिंग जगत के लोग नाराज़, बहुत नाराज़ होने वाले हैं।)

डैम क्या होता है
डैम क्या होता है

अगर और आसान भाषा में बताया जाए, तो जो स्ट्रक्चर आप नदी के बहाव को रोकने के लिए बनाते हो…हां बस वही डैम है। अब क्यों बनाया जाता है, थोड़ा सा इसे भी जान लेते हैं।

Uses Of Dam In Hindi – डैम ( बांध ) क्यों बनाया जाता है?

चलो, एक काम करते हैं…एक छोटा सा वीडियो बनाते हैं। सबसे पहले एक नदी बनाओ…अब उसको फ्लो करवाओ, अब कोई भी शक्तिशाली हीरो की हेल्प से एक बड़ी सी दीवार नदी के बहाव के एक्रॉस या परपेंडिकुलर्ली (लंबरूप) डाल दो। अब बस देखो।

अब होगा ये कि पानी आगे बढ़ नहीं पाएगा। दीवार होने के कारण पानी टकराएगा और फिर वापस। अब बार-बार जब यही होगा तो उससे पानी का लेवल बढ़ जाएगा, और जब लेवल बढ़ जाएगा तो आपको नदी का वो “फ्लो” नहीं दिखाई देगा। यानी कुछ झील टाइप माहौल हो जाएगा।

बांध क्यों बनाया जाता है
बांध क्यों बनाया जाता है

तो जितने इलाके में ये पानी जमा होता है, उसे कहते हैं जलाशय यानी reservoir. उस “दीवार” के कारण ऊपरी भाग में जितना क्षेत्रफल नदी से झील (ठहरा हुआ पानी) में तब्दील हो जाए, वही है reservoir.

इसे बानाने का मेन उद्देश्य ये है कि आप पानी को ऊपर वाली साइड यानी अपस्ट्रीम में जमा कर सकें। अब जमा करके क्या कर सकते हैं। इसमें बहुत कुछ आ जाएगा, सबसे पहले तो वही “एनलाइटमेंट”, अरे बिजली भाई…इसका उत्पादन, बाकी सिंचाई जैसे कामों इसका बढ़िया उपयोग होता है।

डैम ( बांध ) क्या है? क्यों है? ये तो हो गया…अब अपने अगले सेक्शन में चलते हैं, जहां जानेंगे कि क्या डैम सच में सिर्फ बिजली बनाने के लिए बनाए जाते हैं, या सिर्फ उन्हें ही डैम कहा जाता है जहां गेट्स (बिल नहीं चच्चा) की व्यवस्था हो, और तामाम सभी प्रश्न जो इधर लिखना संभव नहीं।

(वैसे भी फाइनल ईयर स्टूडेंट्स संस्था के संस्थापक का कोट है कि, प्रश्नों में क्या रक्खा है, उत्तर देखोउत्तर।)

Classification of Dams (डैम्स का वर्गीकरण):

डैम्स ( बांध ) का वर्गीकरण उसके उद्देश्य पर अलग-अलग भागों में बांट गया है। यह मुख्यत: तीन भागों में बांट गया है – इसके उपयोग पर यानी use पर, इसके डिजाइन पर, और वो किस सामग्री से बना है, अर्थात् material के आधार पर।

Classification of Dams
Classification of Dams

उसी आनंद से आगे बढ़ते हैं, जिस गति से यहां तक पहुंचे हैं – बोर होने वाली कोई बात नहीं है (ऐसा कहना पड़ता है)…और होने की आवश्यकता भी नहीं है।

इसके बारे में भी पढ़े – कार्बन का सर्वाधिक शुद्ध रूप क्या होता है।

1) On the basis of Use (उपयोग के आधार पर):

उपयोग के आधार पर डैम्स को तीन भागों में बांट गया है –

डैम्स का वर्गीकरण उपयोग के आधार पर
डैम्स का वर्गीकरण उपयोग के आधार पर

Diversion Dams (डाइवर्जन डैम्स):-

जिनका निर्माण पानी का बहाव नहर की और मोड़ने के लिए किया जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि नहर में क्यों भाई? तो उत्तर सरल सा है – पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए।

इनका जो जलाशय होता है जिसे reservoir कहते हैं उसकी क्षमता भी बहुत होती है और साथ ही इनकी ऊंचाई भी बाकियों के मुकाबले कम ही होती है। आपने अगर वियर और बैराज का नाम सुना हो तो वो यही हैं। और गर नहीं सुना तो बता देते हैं।

Weir – ऊपर जो “दीवार” वाला उदाहरण पढ़े थे, बस…वही है। किसी भी प्रकार की मैकेनिकल इंजीनियरिंग नहीं लगती इसमें अर्थात् कोई मशीन नहीं। नदी के बीच में दीवार है, पानी आएगा, टकराएगा, और फिर बढ़ता जाएगा। और फिर वही बढ़ा हुआ पानी नहर में जाता है।

Barrage – ऊपर दीवार थी, इसमें होते हैं गेट्स। इसमें पानी के बहाव को गेट्स को ऊपर या नीचे करके कंट्रोल किया जाता है। जलस्तर कम है तो नीचे और ज्यादा है तो ऊपर।

Weir और Barrage में और भी बहुत अंतर हैं, यहां बताना संभव नहीं है – लेकिन अगर आपका मन हो तो बताइएगा, हम अलग से इस विषय पर चर्चा कर लेंगे।

Storage Dams (स्टोरेज डैम्स):-

इनका निर्माण बरसाती मौसम में पानी को स्टोर करने के लिए किया जाता है और फिर जब बाद में नदी का स्तर कम होता है तो उस पानी का उपयोग किया जाता है।

Detention Dams (डिटेंशन डैम्स):-

इनका निर्माण बाढ़ के पानी को कंट्रोल करने के लिए किया जाता है। कैसे? जब बाढ़ आती है तो इनमें ऐसी व्यवस्था होती है कि पानी को थोड़ा स्टोर कर लिया जाता है, और फिर धीरे-धीरे पानी को छोड़ा जाता है।

2) On the basis of Design (डिजाइन के आधार पर):

डिजाइन के आधार पर डैम्स के दो प्रकार होते हैं-

Overflow Dams (ओवरफ्लो डैम्स):-

वैसे तो नाम से ही पता चल गया होगा, लेकिन फिर भी अपना काम करते हुए आपको बताते चलता हूं। जिन डैम्स ( बांध ) में पानी का फ्लो या बहाव डैम्स के ऊपर से होता है, वहीं ओवरफ्लो डैम कहलाते हैं।

लेकिन ऐसा कतई मत सोचना कि, जिसमें पानी अपने आप ऊपर चला जाए वो सब यही होते हैं। वो इंजीनियरिंग में झोल के कारण होता है। इनको तो सोच समझ के ऐसा डिजाइन दिया जाता है कि पानी ऊपर से जाए।

Non-overflow Dams (नॉनओवरफ्लो डैम्स):-

ऊपर वाले का उल्टा है बस (ऐसे आइडिया पेपर से एक दिन पहले तैयारी करने वालों को बहुत आसानी से आते हैं)। वैसे है तो उल्टा ही। जिसके ऊपर से पानी ना जाए, वही है नॉन-ओवरफ्लो डैम।

अगर आपके इलाके में भी कोई डैम है जिसके ऊपर से चलते हुए आप दूसरे छोर तक जाते हैं, जी हां यही है वो। तो आप अब ये भी समझ गए होंगे कि इनका एक फायदा श्याम को ठंडी हवा लेते हुए टहलने का भी है।

3) On the basis of Construction Materials (निर्माण-समाग्री के आधार पर):

इसके आधार पर भी दो प्रकार हैं-

Rigid Dams (रिजिड डैम्स):-

जिन डैम्स ( बांध ) का निर्माण रिजिड यानी कठोर मतलब हार्ड बिल्कुल “बोहत हार्ड” टाइप, जैसे -स्टील, कंक्रीट, टिंबर, आदि से होता है, उन्हें Rigid Dams कहते हैं।

पंजाब का वर्ल्ड फेमस  डैम इसी का उदाहरण है।

Non-rigid Dams (नॉनरिजिड डैम्स):-

वही “उल्टा” वाला कॉन्सेप्ट यहां भी लागू होता है। मृदा, कंकड़-पत्थर, आदि से बने हुए इसी के उदाहरण हैं।

तो  “भाइयों और बहनों”, डैम क्या है? डैम का वर्गीकरण और उसमें भी और प्रकार हमने यहां लगभग अच्छे से जान लिए हैं। हालांकि, इस विषय पर और गहराई में जाने के लिए किताबों का सहारा जरूर लीजिए।

बाकी, कुछ अच्छा लगा हो तो share जरूर करें और कुछ भूलचूक हो गई हो तो माफी बिल्कुल नहीं देना, बढ़िया से comment box में बिना गालीगलौच के हमें बता दें। धन्यवाद।

 

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